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Income Tax Section 80DD

पोस्ट तैयारकर्ता
C P Kurmi
चन्द्र प्रकाश कुर्मी, प्राध्यापक भौतिकी
राउमावि. टोडारायसिंह (टोंक)
cpkurmi@gmail.com

Income tax Section 80DD

Income tax Section 80DD

इनकम टैक्स की धारा 80 डीडी, किसी करदाता को अपने परिवार में किसी विकलांग व्यक्ति के ऊपर किए गए खर्च पर टैक्स छूट लेने का अधिकार प्रदान करती है। यह टैक्स छूट दो प्रकार से मिलती है।

  • 40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांग व्यक्ति के लिए 75000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।
  • 80 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांग व्यक्ति के लिए 1 लाख 25 हजार रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ले सकते है।

धारा 80 डीडी और धारा 80यू में अंतर :

  • Section 80DD की तरह ही Section 80U भी विकलांग व्यक्ति पर खर्च पर टैक्स छूट पाने का अधिकार देती है। दोंनों में एक समान टैक्स छूट मिलती है। लेकिन दोनों में बेसिक रूप से अंतर है। धारा 80DD किसी आश्रित विकलांग व्यक्ति पर खर्च के बदले टैक्स छूट लेने का अधिकार देती है। यह टैक्स छूट उस विकलांग व्यक्ति को नहीं मिलती, बल्कि उस व्यक्ति को मिलती है, जो उस विकलांग व्यक्ति की देख रेख करता है। धारा 80U किसी विकलांग व्यक्ति की ओर से स्वयं पर किए गए खर्च के बदले टैक्स छूट लेने का अधिकार देती है। यानी कि यह टैक्स छूट उस विकलांग व्यक्ति को खुद ही मिलती है, अगर वह टैक्स भरने लायक आमदनी पाता है तो।

विकलांग व्यक्ति किसे माना जाएगा : संविधान की धारा (1) के भाग 2 में मौजूद कानून समान- अवसर, सुरक्षा का अधिकार और पूर्ण सहभागिता) कानून, 1965 में विकलांगता को परिभाषित किया गया है। जिन विकारों को विकलांगता माना गया है, वे इस प्रकार हैं

  • नेत्रहीनता (अंधापन) Blindness
  • अल्प दृष्टि | Low vision
  • ठीक हुआ कोढ़पन | Leprosy-cured
  • चलने की विकलांगता | Loco motor disability
  • सुनने में कठिनाई | Hearing impairment
  • अल्प मानसिक विकास | Mental retardation
  • मानसिक बीमारी | Mental illness
  • स्वलीनता | Autism
  • मानसिक पक्षाघात | Cerebral palsy
  • बहु विकलांगता | Multi Disabilit

80डीडी के तहत टैक्स छूट के लिए जरूरी दस्तावेज
Income tax Section 80DD

धारा 80 डीडी के तहत टैक्स छूट पाने के लिए आपको आप के खर्च पर आश्रित परिवार के सदस्य के बारे में उपयुक्त दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होता है। दस्तावेज के बारे में नियम इस प्रकार हैं :

  • चिकित्सीय प्रमाण पत्र : आपको अपने परिवार के आश्रित विकलांग व्यक्ति के बारे में उपयुक्त चिकित्साधिकारी की ओर से जारी किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करना होगा। नेत्रहीनता , अल्प दृष्टि, ठीक हुआ कोढ़पन, चलने की विकलांगता, सुनने में कठिनाई , अल्प मानसिक विकास, मानसिक बीमारी की स्थिति में इस प्रमाणपत्र की जरूरत होती है।
  • फॉर्म 10 IA कब भरना होता है : अगर आप पर आश्रित परिवारी जन स्वलीनता (Autism), मानसिक पक्षाघात (Cerebral palsy) या बहु विकलांगता (Multi Disability) की बीमारी से ग्रस्त है तो आपको फॉर्म 10 IA पेश करना होता है।
  • स्वघोषित प्रमाणपत्र : आश्रित व्यक्ति के संबंध में उपरोक्त दस्तावेजों के अलावा आपको खुद भी एक अपनी ओर से घोषणापत्र देना होता है। इस स्वघोषित प्रमाणपत्र में आप बताते हैं कि आश्रित व्यक्ति पर आपने उस साल के दौरान कितना खर्च किया है। इन खर्चों में चिकित्सीय उपचार (नर्सिंग समेत), ट्रेनिंग या पुनर्वास (rehabilitation) पर हुए खर्चे भी शामिल होते हैं।

आयकर सम्बन्धी विस्तृत जानकारी

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