Monday , May 6 2024

Tag Archives: Leave Rules

Leave on Medical Ground

Shyam Sunder Bhambhu

पोस्ट तैयारकर्ता
श्री श्याम सुंदर भांभू सूरपुरा
वरिष्ठ सहायक
राउमावि सूरपुरा
ब्लॉक- नोखा जिला बीकानर

रोजाना एक प्रश्न- क्रमांक 345

अवकाश नियमों की जानकारी- 2

(चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत अवकाश के सम्बन्ध में)

  • चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत अवकाश हेतु राजपत्रित अधिकरियों एवं अराजपत्रित कर्मचारियों हेतु वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 07/09/10 द्वारा अलग – अलग चिकित्सा प्रमाण पत्र का प्रारूप जारी किया गया है जो निम्न लिंक पर उपलब्ध है
  • चिकित्सक के प्रमाण पत्रों में दी गई सिफारिशों से किसी ऐसे अवकाश की मांग नहीं की जा सकेगी जो कि सेवा शर्तों के अनुसार या उस पर प्रभावी नियमों के अनुसार स्वीकार्य नहीं हो।
  • इस प्रपत्र को यथासम्भव ज्यों – का – त्यों उपयोग में लिया जाना चाहिए । तथा इसे प्रार्थी के हस्ताक्षर करा लेने के बाद भरा जाना चाहिए । प्रमाणित करने वाले चिकित्सा प्राधिकारी को यह प्रमाणित करने को स्वतन्त्रता नहीं होगी कि प्रार्थी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण को आवश्यकता है या यह कि वह अमुक स्थान पर जाने के योग्य नहीं ऐसे प्रमाण पत्र केवल उसी समय दिये जाने चाहिए जब सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारी द्वारा ऐसा स्पष्ट रूप चाहा गया हो जब प्रार्थी प्रशासनिक अधिकारी के पास इस आधार पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगा तब उसके लिए यह निर्णय करने की स्वतन्त्रता होगी कि क्या प्रार्थी को उसकी शारीरिक क्षमता की जाँच के लिए चिकित्सक मण्डल के सम्मुख जाना चाहिए या नहीं।

READ POST PART-1

  • अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी , प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा निर्गमित अपूर्ण सूचनायुक्त चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर प्राप्त आवेदन पर विचार कर अवकाश स्वीकृत कर देते हैं जो नियमानुकूल नहीं है । अपूर्ण सूचनायुक्त चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत करने की कार्यवाही को अनुशासनहीनता मानते हुए अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जा सकेगी। नियम 70
  • संदिग्ध मामलों में चिकित्सकीय परीक्षण में रखना -प्रमाण पत्र को स्वीकृत अस्वीकृत करने के निर्णय से पूर्व समिति संदिग्ध मामले में 14 दिवस तक एक आवेदक को चिकित्सालय परीक्षण में रख सकती है । उस स्थिति में समिति द्वारा निम्न प्रकार से एक प्रमाण – पत्र दिया जाना चाहिए –
  • श्री……… . ने अवकाश स्वीकृत करने के लिए चिकित्सा प्रमाण – पत्र के लिए हमें आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, इस प्रकार का प्रमाण – पत्र देने या अस्वीकृत करने से पूर्व हम …… दिनों के लिए श्री को चिकित्सकीय परीक्षण में रखना आवश्यक समझते हैं । नियम -73
  • एक राज्य कर्मचारी जिसने चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत करवाया है अपने कर्तव्य पर उस समय तक उपस्थित नहीं हो सकेगा , जब तक वह चिकित्सक द्वारा जारी स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर देता । नियम 83
  • अवकाश स्वीकृत करवाने हेतु आवेदन GA- 45 में प्रस्तुत करना होगा।
  • स्वस्थ होकर पुनः कर्तव्य पर उपस्थित होते समय कार्यग्रहण करने हेतु प्रार्थना पत्र लिखना होगा।

नियुक्ति से पूर्व संतान होने की स्थिति में कार्मिक को मातृत्व अवकाश लाभ

Rebate Category Section 80G Deduction

यशवन्त कुमार जाँगिड़
अध्यापक
राप्रावि जगदेवपुरा डाँडा जिला बाराँ

रोजाना एक प्रश्न- क्रमांक 342

एक महिला कार्मिक ने राजकीय सेवा में नियुक्ति से पूर्व एक संतान को जन्म दिया है। कार्मिक को मातृत्व अवकाश लाभ मिलने के संबंध में जानकारी

वित्त विभाग राजस्थान जयपुर द्वारा जारी ज्ञापन क्रमांक – F.1(6)FD(Rules)/2021 दिनांक 23.12.2021 के अनुसार RSR भाग-1 के नियम 103 में संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया गया है कि – अब महिला कार्मिको को राजकीय सेवा में नियुक्ति से पूर्व जन्म लेने वाली संतान हेतु भी अधिकतम 180 दिनों के मातृत्व अवकाश का प्रावधान किया गया है। जो कि निम्न शर्तो के अधीन रहेगा.

  • 1. महिला कार्मिक को राजकीय सेवा में कार्यग्रहण करने के 15 दिन के भीतर ही मातृत्व अवकाश के लिए निर्धारित प्रक्रियानुसार आवेदन करना होगा। राजकीय सेवा में नियुक्ति के 15 दिन बाद आवेदन करने पर मातृत्व अवकाश का लाभ नही मिलेगा।
  • 2. राजकीय सेवा में नियुक्ति होने से 3 माह पूर्व जन्मी संतान हेतु मातृत्व अवकाश देय नही होगा।
  • माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान ने प्रकरण संख्या 4384/2020 में दिए निर्णय में बच्चे के जन्म के 15 दिन पूर्व से जन्म के तीन माह बाद तक की अवधि को ही प्रसूति अवधि (period of confinement) माना है। अतः बच्चे के जन्म से तीन माह बाद राजकीय सेवा में कार्यग्रहण करने पर मातृत्व अवकाश देय नहीं होगा।
  • 3. राजकीय सेवा में नियुक्ति होने से पूर्व जन्मी संतान के लिए मातृत्व अवकाश की कुल अवधि 180 दिन में से निम्न अवधि कम कर दी जाएगी –
    • A. बच्चे के जन्म से पूर्व के 15 दिन
    • B. राजकीय सेवा में नियुक्ति के समय बच्चे की उम्र (दिनों में)
    • C. नियुक्ति तिथि से मातृत्व अवकाश पर प्रस्थान करने की अवधि (दिनों में) जो कि अधिकतम 15 दिनों तक सीमित होगी।

मातृत्व अवकाश अवधि = 180 – ( संतान के जन्म से 15 दिवस पूर्व से अवकाश पर प्रस्थान की अवधि दिनों में )

इसे निम्नलिखित उदाहरणों से समझने का प्रयास करते है :

Order >> Maternity leave in case child born before appointment fin order Dt. 23-12-2021

Q1 – किसी महिला कार्मिक की राजकीय सेवा में नियुक्ति दिनांक 15.12.2021 है जिसने 30.11.2021 को एक संतान को जन्म दिया है और 23.12.2021 से मातृत्व अवकाश हेतु आवेदन करती है तो उसे कितने दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा?

उत्तर – इस स्थिति में प्रसूति दिनांक 30.11.2021 के 15 दिन पूर्व दिनांक 15.11.2021 से 14.05.2022 को 180 दिन की अवधि पूरी होती है। अतः कार्मिक को दिनांक 23.12.2021 से 14.05.2022 तक 142 दिन का मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

Q2 – किसी महिला कार्मिक की राजकीय सेवा में नियुक्ति दिनांक 15.12.2021 है जिसने 13.09.2021 को एक संतान को जन्म दिया है और 23.12.2021 से मातृत्व अवकाश हेतु आवेदन करती है तो उसे कितने दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा?

उत्तर – वित्त विभाग के ज्ञापन दिनांक 23.12.2021 एवं माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण संख्या 4384/2020 में दिए निर्णय में बच्चे के जन्म के 15 दिन पूर्व से जन्म के तीन माह बाद तक की अवधि को ही प्रसूति अवधि (period of confinement) माना है। इस मामले में संतान का जन्म राजकीय सेवा में नियुक्ति से 3 माह पूर्व हुआ है। अतः मातृत्व अवकाश लाभ नही मिलेगा।

Leave Rules General Information

Shyam Sunder Bhambhu

पोस्ट तैयारकर्ता
श्री श्याम सुंदर भांभू सूरपुरा
वरिष्ठ सहायक
राउमावि सूरपुरा
ब्लॉक- नोखा जिला बीकानर

अवकाश नियमों की जानकारी – 1

अवकाश अधिकार नहीं है – RSR खंड प्रथम के नियम 59 के अनुसार अवकाश को अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता है । अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को यह विवेक होगा कि वह जन सेवाओं के हित में अवकाश स्वीकृत करने से मना कर दे अथवा स्वीकृत अवकाश को किसी भी समय खंडित कर दें । अन्य प्रमुख नियम निम्न प्रकार है ।

  • स्वीकृति प्राधिकारी के विवेक पर कर्मचारी द्वारा आवेदित एवं देय अवकाश की प्रकृति नहीं बदली जा सकती है ।
  • यदि किन्हीं कारणों से प्राधिकारी को लगे या विश्वास हो जाए कि कर्मचारी अवकाश संबंधी नियमों अथवा उनके आशयों का गलत तरीके से लाभ उठाने की चेष्टा की जा रही है तो इस नियम के अन्तर्गत अपने विवेकाधिकार का उपयोग कर उसके अवकाश को अस्वीकृत कर सकता है ।
  • नियम -59 के निर्णय संख्या 3 के अनुसार कोई भी कार्मिक स्वीकृत अवकाश की प्रकृति को परिवर्तित करवा सकता है शर्त यह है कि आवेदित अवकाश शेष एवं देय होना चाहिए तथा अवकाश प्रकृति को परिवर्तन करवाने का प्रार्थना पत्र तीन माह से पहले दिया जाना चाहे । जैसे किसी कार्मिक ने 10 दिन का अर्द्ध वेतन अवकाश लिया और तीन माह की अवधि में उसने अवकाश कि प्रकृति उपार्जित अवकाश में परिवर्तित करवाने का आवेदन किया जो आवेदित अवधि में शेष था तो उसकी प्रकृति को बदला जा सकेगा ।
  • प्रत्येक कर्मचारी को अवकाश आवेदन पत्र में अपना पता लिखना चाहिए , अवकाश अवधि में पते में परिवर्तन हो तो उसकी तुरंत सूचना दी जानी चाहिए । (नियम 60 ए)
  • अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व आने वाले सार्वजनिक अवकाश या एक से अधिक सार्वजनिक अवकाश हो तो कर्मचारी उस पूर्व के दिन वाले कार्य दिवस की समाप्ति पर अपना कार्यालय छोड़ सकता है अथवा बाद में पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाश की समाप्ति पर लौट सकता है किन्तु शर्त यह है कि उसके स्थानांतरण या कार्यभार संभालने में स्थायी अग्रिम राशि अतिरिक्त प्रतिभूतियों या धन राशि का संभालना सम्मिलित नहीं है । नियम 61 एवं 63

READ POST PART-2

  • अवकाश से वापिस बुलाना- किसी राज्य कर्मचारी को उसके अवकाश की अवधि समाप्त होने के पूर्व ही सेवा पर वापिस बुलाने के आदेशों में यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि क्या अवकाश पर से सेवा में वापिस आना स्वेच्छिक है अथवा आवश्यक है । यदि वापिस आना स्वेच्छिक हो तो राज्य कर्मचारी किसी सुविधा का अधिकारी नहीं है । यदि यह वापिस आना आवश्यक हो तो वह उस दिनांक से सेवा पर उपस्थित माने जाने का अधिकारी है जिसको वह उस स्थान के लिए प्रस्थान करता है जिस पर पहुँचने के लिए आदेश दिया गया है तथा यात्रा भत्ता नियमों के अन्तर्गत वह यात्रा भत्ता प्राप्त करने का अधिकारी है , किन्तु जब तक वह अपना पदभार ग्रहण नहीं करता है , तब तक वह अवकाश वेतन पर ही रहेगा । नियम 66
  • अवकाश या अवकाश वृद्धि के लिए आवेदन – पत्र उसी प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए जो अवकाश या उसमें वृद्धि को स्वीकृत कर सकता हो । नियम -67
  • किसी भी प्रकार के अवकाश को किसी भी अन्य अवकाश जो सेवा नियम 7(15) में वर्णित है के साथ या उसकी निरंतरता में स्वीकृत किया जा सकता है । नियम – 88
  • आकस्मिक अवकाश को अवकाशों की श्रेणी में नहीं रखा गया है अतः आकस्मिक अवकाश अन्य अवकाश के साथ या उसकी निरंतरता में स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा । RSR खंड द्वितीय परिशिष्ट 1.3

Special Casual Leave in Rajasthan विशिष्ट आकस्मिक अवकाश

Special Casual Leave in Rajasthan
Post Created By

Leela ram

श्री लीलाराम जी प्रधानाचार्य
राउमावि मुबारिकपुर (रामगढ) अलवर
निवासी- दोहडा (किशन गढ बास) अलवर

Special Casual Leave in Rajasthan

बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए

  • पुरुष को 6 दिन तथा महिला को 14 दिन का अवकाश देय है।
  • उस पुरुष राज्य कर्मचारी जिसकी पत्नी बंध्याकरण की शल्य चिकित्सा करवाती है तो पत्नी की देखभाल के लिए पुरुष कर्मचारी को 7 दिन का विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय होगा।
  • बंध्याकरण के असफल होने पर दूसरी बार ऑपरेशन करवाने पर चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर 6 दिन का अवकाश देय होगा।
  • लूप लगवाने वाली महिला कर्मचारी को 1 दिन का विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय होगा।
  • ट्यूबेक्टमी ऑपरेशन बिगड़ने पर दुबारा ऑपरेशन कराने पर 14 दिन का अवकाश देय है यदि ऑपरेशन से कोई जटिलता पैदा हो गई हो तो प्रमाण पत्र के आधार पर पुरुष को 6 दिन व महिला कर्मचारी को 14 दिन का अतिरिक्त विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय होगा।

निरोधावकाश

  • एक राज्य कर्मचारी को परिवार या घर में किसी छूत का रोग लग जाने के फलस्वरुप कार्यालय में नहीं आने के आदेश द्वारा अपेक्षित कार्य से अनुपस्थित रहने के लिए 21 दिन का विशेष परिस्थिति में 30 दिन का निरोधावकाश देय है
  • राज्य कर्मचारी के परिवारजनों को स्वाईन फ़्लू हो जाने पर 7 दिवस का निरोधावकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। (आदेश दिनांक 15.10.12)
  • Recanalisation operation कराने पर 21 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश देय होगा

Note : किन्तु यह अवकाश आकस्मिक अवकाश या नियमित अवकाश के साथ नहीं लिया जा सकता F.1(5)fd/group-2 dated 15.1.81

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शैक्षिक अवकाश

  • राजकीय विद्यालय के शिक्षकों को शैक्षिक कार्यों हेतु 15 दिन का विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय है, जैसे माध्यमिक शिक्षा की बोर्ड की बैठक में भाग लेना, प्रायोगिक परीक्षा , राज्य अथवा राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेना , शिक्षक संघ में भाग लेने पर जिला स्तर पर 2 दिन राज्य स्तर पर 2 दिन.
  • मान्यता प्राप्त संघ के पदाधिकारी को 10 दिन का विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय है (अध्यक्ष , उपाध्यक्ष , सचिव ,संयुक्त सचिव व कोषाध्यक्ष) आदेश दिनांक 1.4.1983 परिशिष्ट 1

खिलाड़ियों का अवकाश

  • राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय खेल में भाग लेने वाले कर्मचारी का चयन होने पर एक कैलेंडर वर्ष में 30 दिन का अवकाश देय है।
  • राज्य स्तरीय / स्थानीय टूर्नामेंट में भाग लेने वाले राज्य कर्मचारी को एक अवसर पर 10 दिन का विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय किंतु कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 18 दिन का विशिष्ट आकस्मिक अवकाश देय होगा। (आदेश दिनांक 25.4.1972)

क्षतिपूर्ति अवकाश

  • रविवार या अन्य राजपत्रित छुट्टियों में लिपिक वर्ग व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अनिवार्य रुप से कार्यालय में उपस्थिति का आदेश देने पर कार्य करने के एवज में क्षतिपूर्ति अवकाश देय है आदेश संख्या प. 11(शिक्षा -2/73 दिनांक 12.6.73)
  • विद्यालयों में कार्यरत मंत्रालय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को द्वितीय शनिवार के स्थान पर काम करने की एवज में 1 दिन का क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा।
  • राज्य सरकार के आदेश दिनांक 27 .12 .1968 के अतिक्रमण में सरकार ने आदेश दिए हैं कि चौकीदारों को एक पक्ष में 24 घंटों का विश्राम अवश्य दिया जावेगा तथा इसकी जगह कार्य करने को लगाए गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को क्षतिपूर्ति अवकाश दिया जाएगा आदेश दिनांक 3:08 1977

Note : ऎच्छिक अवकाश आकस्मिक अवकाश के साथ स्वीकृत किया जा सकता है F. 1(49)fd (gr2)82 आदेश दिनांक 15.9.90

डीडीओ लेवल स्वीकृत अवकाश

प्रश्न:-DDO द्वारा अपने स्तर पर कौन कौन से अवकाश एवं कितने अवधि तक के स्वीकृत किये जा सकते है ?

उत्तर:- RSR के तहत निम्न अवकाश DDO स्तर पर स्वीकृत किये जा सकते है सामान्य जानकारी शेयर की जा रही है, विस्तृत दिशा निर्देश हेतु RSR के नियम देखे।

(1) उपार्जित अवकाश : सेवा नियम 91(3) के अनुसार DDO एक समय मे 120 दिनों तक यह अवकाश स्वीकृत कर सकते है।

(2) समर्पित अवकाश : नियम 91(A) के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में 15 दिन का समर्पित अवकाश नगद भुगतान के लिए के किसी भी कार्मिक के DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।

(3) सेवानिवृति पर शेष जमा अवकाश का नगद भुगतान : नियम 91(B) के अनुसार सेवानिवृति पर अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के एवज में अधिकतम 300 दिन PL का नगद भुगतान हेतु DDO द्वारा स्वीकृत किया जाता है।

(4) अर्द्ध वेतन अवकाश (HPL) : नियम 93(A) के अनुसार निजी किसी कारण से या चिकित्सा कारण से 120 दिन तक का अर्द्धवेतन अवकाश (HPL) DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है। इसमे अर्द्ध वेतन का नियमानुसार भुगतान किया जाता है।

(5) रूपांतरित अवकाश ( commuted leave) :

  • नियम 93(B) के अनुसार स्थाई सेवा के कार्मिक के चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अर्द्ध वेतन अवकाश को रूपांतरित अवकाश में परिवर्तित कर 120 दिन तक का यह अवकाश DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।
  • किसी कार्मिक के रूपांतरित अवकाश स्वीकृत करने पर उसके दुगनी संख्या में अवकाश के दिनों को HPL लेखा मेसे घटाया ( डेबिट) किया जाता है एवम कार्मिक को full pay के हिसाब से वेतन का भुगतान प्राप्त होता है।
  • नियुक्ति तिथि के 3 वर्ष बाद यह अवकाश स्वीकृत किया जाता है। (नियम 93 (4))

(6) अदेय अवकाश (Leave not due) : स्थाई कार्मिक के निम्न शर्तो पर :

  • अदेय अवकाश एक बार मे 90 दिनों तक ही DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है इसके साथ ही यदि HPL पहले की जमा हो तो 120 तक DDO सेक्शन कर सकते है।
  • संपूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 360 दिनों तक स्वीकृत किया जा सकता है, जिसमे से 180 दिन का अदेय अवकाश चिकित्सा प्रमाणपत्र के आधार पर एवं शेष 180 दिन अन्य आधार पर स्वीकृत किया जा सकता है जो निदेशालय से स्वीकृत किया जायेगा।
  • सक्षम अधिकारी के संतुष्ट होने पर की कर्मचारी अदेय अवकाश के बाद सेवा पर वापिस उपस्थित हो जाएगा।
  • अदेय अवकाश की संख्या उस अनुपातिक संख्या से अधिक नही होगी ,जो कर्मचारी अवकाश से वापस आ कर उतनी संख्या में HPL अर्जित कर सके।
  • अदेय अवकाश स्वीकृत किये जाने पर वह कर्मचारी के HPL खाते में माईनस में (डेबिट) लिखा जाएगा जिसका समायोजन भविष्य में अर्जित HPL से होता रहेगा।
  • इस अवकाश में कार्मिक को अर्द्ध वेतन की दर से वेतन का भुगतान किया जाता है ।

More Information By Dilip Kumar

(7) असाधारण अवकाश (Extra ordinary leave) : स्थाई कार्मिक के चिकित्सा या कोई पाठ्य क्रम पूरा करने के लिए एक समय मे तीन महीने से 18 माह तक असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। जिसने एक साथ तीन महीने से अधिक का असाधारण अवकाश वित्त विभाग की पूर्व सहमति से उक्त शिथिलता के बाद ही स्वीकृत किया जा सकता है।

  • DDO स्तर पर 120 दिनों तक यह अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के असाधारण अवकाश की स्वीकृति के लिए DDO 120 दिनो से अधिक अवधि की सेक्शन भी कर सकते है।
  • प्रोबेशनकाल में 30 दिन तक का असाधारण अवकाश नियुक्ति अधिकारी एवं उससे अधिक अवधि का प्रशासनिक विभाग द्वारा स्वीकृत किया जाता है।

(8) मातृत्व अवकाश : सेवा नियम 103 के अनुसार स्थाई कार्मिक एवं प्रोबेशनर कार्मिक को चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश DDO द्वारा स्वीकृत किया जाता है ।

(9) पितृत्व अवकाश : सेवा नियम 103 (A) के अनुसार स्थाई कार्मिक एवं प्रोबेशनर कार्मिक को पत्नी की प्रसुति से 15 दिन पूर्व से प्रसुति के तीन माह की अवधि में पुरुष कार्मिक को 15 दिन का पितृत्व अवकाश पत्नी की देख भाल हेतु DDO द्वारा स्वीकृत किया जाता है जो बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत होता है।

(10) चाइल्ड केयर लीव (CCL) : वित्त विभाग के आदेश दिनांक 22/05/2018 एवं 10/09/2018 के अनुसार महिला कर्मिको को चाइल्ड केयर लिव की सुविधा प्रदान की गई है। उक्त 120 दिनो तक की चाइल्ड केयर लीव Ddo द्वारा स्वीकृत की जा सकती है।

सेवानिवृत कर्मचारी के लीव एनकेशमेंट बिल बनाने की प्रक्रिया

प्रश्न – सेवानिवृत्त कार्मिक का लीव एनकेशमेंट रिटायर्ड बिल बनाना है | पे मैनेजर पर प्रक्रिया बताने का श्रम करें।

श्री सचिन शर्मा कनिष्ठ सहायक
रा. मा. वि. साण्डन जिला – चूरु

उत्तर – एक कर्मचारी के सेवानिवृत हो जाने के बाद उसे उसके खाते में शेष उपार्जित अवकाश का नगद भुगतान करने हेतु बिल बनाने से पहले निम्न कार्यवाही पूर्ण की जानी जरुरी है-

(1) PPO नं जारी हो जाने के बाद पे मैनेजर पर PPO नं वेरीफाई कीजिए जिसकी प्रक्रिया इस प्रकार है-

Paymanager Login » Master » Enter PPO no Enter Employee ID » Verify पर क्लिक कीजिए |

(2) कार्मिक का डाटा यथा नाम, जन्मतिथि पेमेनेजर पर और PPO में एक समान होना चाहिए। अगर एक समान नहीं है

तो पहले डाटा में संशोधन करके HOD से अप्रूव करवाना होगा |

(3) निर्धारित प्रारूप में बजट डिमांड करनी होगी।

(4) उपार्जित अवकाश के नगद भुगतान हेतु बजट हेड – 2071-01-115-01-01 निर्धारित है।

(5) बजट डिमांड हेतु प्रारूप के साथ PL सम्बन्धी कार्यालय आदेश प्रति, PPO नं की प्रति लगा कर अपने पेंशन विभाग के

क्षेत्रीय कार्यालय को E-mail कीजिए।

बजट प्राप्त होने के बाद पे मैनेजर पर लीव इंकेशमेंट बिल बनाने की प्रक्रिया

➡️ सबसे पहले Master में जाकर बजट हेड 2071-01-115-01-01 का निम्नानुसार नया ग्रुप बनाना होगा

➡️ Group Name-अपनी सुविधानुसार

➡️ Budget Head – 2071-01-115-01-01

➡️ Demand No-15

➡️ Object Head-84

➡️ BFC Type- SF

➡️ Head Type-Voted

➡️ Bill Allocation कीजिये। बिल एलोकेशन में ऑब्जेक्ट हेड 84 लिखना है। Bill Allocation करते समय Bill Name में उस ग्रुप को चुनिए जो आपने अभी बनाया है।

➡️ Bill Preparation » Leave Encashment Preparation » Leave Encashment Retirement पर क्लिक कीजिए।

➡️ Year चुनिए » Month चुनिए » Bill Group चुनिए » Bill No. चुनिए » Order no चुनिए।

➡️ No of Days में जितने दिन उपार्जित अवकाश का भुगतान करना है उतने दिनों की संख्या भरिए।

➡️ कर्मचारी को नाम या Employee ID के द्वारा सर्च कीजिये।

➡️ Add पर क्लिक कीजिए।

कार्मिक का उपार्जित अवकाश के नगद भुगतान का बिल (Leave Encashment Bill) बनकर तैयार है।

➡️ आवश्यक डाक्यूमेंट्स अपलोड कीजिए।

(कार्यालय से स्वीकृति आदेश, नियोक्ता अधिकारी द्वारा जारी सेवानिवृति आदेश, कार्यमुक्ति रिपोर्ट, PPO प्रति )

➡️ बिल को DDO फॉरवर्ड कीजिए।

➡️ बिल पर ई साइन करके ट्रेजरी को फॉरवर्ड कीजिए।

नोट : कार्मिक को सेवानिवृत्त पीएल भुगतान हेतु नए बनाये ” बजट हेड 2071 ” ग्रुप में ट्रांसफर नही करना है।

मातृत्व अवकाश के बारे में सामान्य जानकारी

प्रश्न #161 :-मातृत्व अवकाश के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करावे ?

दिलीप कुमार सेवानिवृत्त व्याख्याता
निवासी सादड़ी जिला पाली

उत्तर:-मातृत्व अवकाश (Metarnity Leave) के बारे में सामान्य जानकारी निम्नानुसार है :

(1) वित्त विभाग के आदेश -F1(43)FD/(Gr-2)/83 (RSR 14/08) Dated 11.10.2008 के अनुसार महिला कार्मिको को चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश पूरे सेवाकाल में “दो से कम उत्तरजीवी संतान होने पर” दो बार लिया जा सकता है।

(2) यदि पूर्व में कोई संतान जीवित नही होने पर यह अवकाश तीसरी बार भी स्वीकृत किया जा सकता है।

(3) प्रोबेशन काल मे भी मातृत्व अवकाश अस्थाई कार्मिक को भी देय होता है इससे प्रोबेशन आगे नही बढ़ता है तथा प्रोबेशन में यह अवकाश DDO स्तर पर स्वीकृत किया जाता है।

(4) FD के आदेश 19/06/2009 के अनुसार वित्त विभाग के अनुमोदन उपरान्त नियुक्त संविदा महिला कर्मचारियों को भी यह अवकाश देय है।

(5) प्रसूति अवकाश अधूरे गर्भपात के मामले में देय नही होता है।

गर्भपात (Abortion) या गर्भ स्राव (Misscarrige) में 6 सप्ताह का गर्भपात अवकाश चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार कर मिलता है जो सेवाकाल में एक बार अथवा दो बार कुल मिला कर 6 सप्ताह (42दिन) तक होगा।

(6) राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 103 B के अनुसार किसी महिला कार्मिक के दो से कम जीवित संतान होने पर उस कार्मिक द्वारा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को वैधानिक रूप से गोद लेती है तो बच्चे को दत्तक ग्रहण करने की दिनांक से 180 दिन का दत्तक ग्रहण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

(7) सेवा नियम 97(1) के अनुसार मातृत्व अवकाश में अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व आहरित वेतन की दर से अवकाशकाल मे नियमित वेतन का भुगतान किया जाता है।

(8) मातृत्व अवकाश के क्रम में CL के अलावा अन्य कोई भी अवकाश लिया जा सकता है परन्तु यह ध्यान रहे 180 दिन का मातृत्व अवकाश DDO स्वीकृत कर सकते है इसके साथ अन्य अवकाश लेने पर इसकी स्वीकृति फिर निदेशालय से होगी।

(9) मातृत्व अवकाश की एंट्री सेवा पुस्तिका में लाल इंक से करे जिसमे प्रथम अवसर या द्वितीय अवसर आदि का स्पष्ट उल्लेख करे। यह अवकाश लीव A/C में कही पर डेबिट नही किया जाएगा इसका इंद्राज सत्यापन वाले पेज पर करे।

(10) मातृत्व अवकाश के दौरान पदोन्नति अथवा ट्रांसफर हो जाता है तो कार्यग्रहण अवधि (Extention) बढ़ाने हेतु आवेदन करें जो अनिवार्य रूप से मिल जाता है। इसके बिना यदि मातृत्व अवकाश में ड्यूटी पर जॉइन कर दिया जाता है तो मातृत्व अवकाश समाप्त माना जाता है।

Note : विस्तृत जानकारी के लिए राजस्थान सेवा नियम 103 का अध्ययन करे

क्या पूर्व पदस्थापन स्थान व अवधि की PL वर्तमान DDO जोड़ सकता है ? कृपया मार्गदर्शन प्रदान करे।

Question : क्या पूर्व पदस्थापन स्थान व अवधि की PL वर्तमान DDO जोड़ सकता है ? कृपया मार्गदर्शन प्रदान करे।

Answer : सेवापुस्तिका में किये गए सेवा सत्यापन के आधार पर किसी पूर्व अवधि की PL नही जोड़ी गई है तो वर्तमान DDO बकाया PL कार्मिक की सेवापुस्तिका में जोड़ सकते है।
यदि वर्तमान DDO नही जोड़े तो जहा जिस अवधि में कार्मिक कार्यरत थे वहीं से PL जुड़वा देवे।

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