“रोजाना एक प्रश्न” – क्रमांक 91
By एडमिन श्री अरविन्द खण्डेलवाल
Gpf and SI Deduction analysis
प्रश्न:- मैं बहुत ही असमंजस में हूँ कि SI या GPF मे से कटौती किसमे बढ़ाया जाना उचित रहेगा ? कृपया मुझे उचित सलाह देवे।
उत्तर:- बहुत ही व्यावहारिक और जरुरी जानकारी चाही है। आज के इस भाग दौड़ और आपा-धापी के भौतिक युग में कुछ साथी परिवार और भविष्य के प्रति अपने दायित्वों का ध्यान नहीं रख पाते है जो सामान्यतः उचित नहीं है। आपका प्रश्न 2 टॉपिक प्रस्तुत करता है।👇
- आर्थिक सुरक्षा की गारंटी (राज्य बीमा)
- विनियोग (जीपीएफ)
Gpf and SI Deduction analysis
अब इसको विस्तृत में जानते है 👇
- राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा योजना 1-1-1954 से राज्य कर्मचारियों को/उसके परिवार को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के सरकारी कर्मचारियों हेतु लागू की गई थी. इस योजना का मूल उद्देश्य कार्मिक के असामयिक निधन होने पर परिवार को आर्थिक संबलन प्रदान करना है. इसके अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सेवाकाल में ऋण के रूप में सहायता भी ली जा सकती है. और सेवानिवृत्त होने पर राज्य बीमा पालिसी की परिपक्वता होने पर एक अच्छी खासी रकम मिल जाती है।
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच बचत की आदत विकसित करने और कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद जब उसके पास कोई नियमित आय नहीं होगी इस संचय का उपयोग करने के उद्देश्य से भविष्य निधि योजना शुरू की गई थी। 1 मई 1980 से यह योजना सभी सरकारी कर्मचारियों और जिला परिषद और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दी गई थी। हालाँकि बाद में इस योजना को उन कर्मचारियों पर लागू किया जाना बंद हो गया है जो 1 जन 2004 या उसके बाद नियुक्त किए जाते हैं। इस योजना में कार्मिक के वेतन वर्गानुसार एक निश्चित दर से कटोती की जाती है. और कार्मिक स्वेच्छा से GPF में अधिक राशी जमा का विकल्प भी दे सकता है।
▪️अब मूल प्रश्न यह है कि GPF या SI में से किसमे अधिक कटौती करवाई जावे ?
- राज्य बीमा में निर्धारित Slab से 2-Step आगे कटौती जरुर करनी चाहिए ताकि बीमाधन अधिक हो। एक तो इसमें अन्य बीमा योजना के मुकाबले बोनस की दर अधिक होने से यह योजना अधिक फायदेमंद है। साथ ही वेतन से कटोती होने से किश्त की चूक नहीं होती। आमतौर पर अन्य बीमा कंपनियों से बीमा होने पर बड़ी संख्या में किश्त नियमित जमा नहीं होने से Policy लैप्स हो जाती है और आर्थिक घाटा होता है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर ऋण की राशि भी तुलनात्मक रूप से अधिक होती है और आसानी से मिल जाती है। Maturity पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है।
- यहाँ एक बात और विचारणीय है चूँकि कार्मिक के असामयिक निधन की स्थिति में सभी परिलाभ के बाद भी रिक्तता की स्थिति रहती है इसलिए अपने परिवार को वास्तविक पर्याप्त आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु परिवार के कमाऊ सदस्य को Term Plan Insurance अवश्य लेना चाहिए जो की बाज़ार में अनेक बीमा कंपनियों के उपलब्ध है। मामूली किश्त पर एक बड़ा आर्थिक संरक्षण आप परिवार को प्रदान कर सकते है। जीवन बीमा की वास्तविक अवधारणा यही है।
- GPF योजना में भी निर्धारित दर से कटोती की जाती है, आज की स्थिति में बाज़ार में उपलब्ध Bank, Post Office और अन्य निजी योजनाओं के मुकाबले GPF की प्रतिफल दर उच्च है तथा पूरी तरह सुरक्षित है. अतः राज्य बीमा की अधिक कटोती और अन्य निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यदि विनियोग की गुंजाईश है तो निश्चित रूप से GPF में अधिक कटोती कराना सबसे सहज, लाभदायक और सुरक्षित विकल्प है.
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