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Clerical Duty Allocation

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श्री लीलाराम प्रधानाचार्य राउमावि
मुबारिकपुर (रामगढ) अलवर
Clerical Duty Allocation

रोजाना एक प्रश्न- क्रमांक 377

कार्यालय व्यवस्था के अंतर्गत लिपिकीय कार्यों का बंटवारा

सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम के नियम 3(1) अंतर्गत शिक्षा विभागीय व्यवस्था के अनुसार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों, अन्य कार्यालयों के अधिसूचित कार्यालय अध्यक्षों, संस्था प्रधानों को कार्यालय अध्यक्ष के अधिकार प्रदान किए गए हैं। संस्था प्रधानों/कार्यालय अध्यक्षों को वित्तीय कार्य निष्पादन हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है।

लिपिकों के लिए कार्य का बंटवारा : समय-समय पर विद्यालयों, कार्यालयों में कार्य व्यवस्था के संचालन हेतु लिपिक के पदों की स्वीकृति के मानदंड बदलते रहे हैं और स्वीकृत एवं भरे हुए पदों के अनुसार जहां तक हो सके कार्य का विभाजन निम्न अनुसार किया जाना चाहिए।

  • जहां सहायक प्रशासनिक अधिकारी पद स्वीकृत हैं : संस्था के अधिकारियों, कर्मचारियों के सेवा अभिलेख संधारण कार्यालय कार्यों का पर्यवेक्षण ,नियंत्रण, अवकाश दौरान कार्यों की एवज व्यवस्था करना एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य जो संस्था प्रधान उचित समझे उन्हें सौंपे जाने चाहिए।
  • वरिष्ठ सहायक को रोकड़ पाल, एवं भंडार पाल जैसे महत्वपूर्ण व उत्तरदायित्व के कार्य आवंटित किए जाने चाहिए जिससे लेखा संबंधित समस्त कार्य सम्मिलित हो।
  • जोखिम युक्त कार्यों यथा रोकड़ भंडार का कार्य आवंटन के साथ फ़िडेलिटी गारंटी बोन्ड संबंधित से मांगे जाने चाहिए जो राज्य बीमा विभाग से जारी किए जाते हैं।
  • अन्य कम उत्तरदायित्व वाले कार्य जैसे एसआर रजिस्टर, आवक जावक अनुभाग कार्य ,आकस्मिक अवकाश लेखा संधारण, कंप्यूटर कार्य एवं अन्य विशेष कार्य कनिष्ठ सहायक को आवंटित किए जाने चाहिए।

कार्य विभाजन के लिए संस्था प्रधान को स्वविवेक से कर्मचारियों की संख्या, कार्य क्षमता कार्यकुशलता, कार्य के प्रति लगन एवं विश्वसनीयता के आधार पर कार्य आवंटन, परिवर्तन, परिवर्धन के पूर्ण अधिकार हैं अतः श्रेष्ठ कार्य हेतु उसी के अनुसार व्यवस्था की जानी चाहिए तथा एक निश्चित अंतराल के बाद कार्य विभाजन में परिवर्तन भी किया जाना चाहिए राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं अन्य संस्थाओं, कार्यालयों में कैशियर एवं स्टोर कीपर का कार्य करने वाले कर्मचारियों से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से प्रतिभूति एवं स्वयं बंधपत्र फिडेलिटी गारंटी बॉन्ड प्राप्त कर राज्य सरकार द्वारा इस कार्य हेतु अधिसूचित विशेष वेतन की स्वीकृति नियंत्रण अधिकारी से प्राप्त की जानी चाहिए। प्रतिभूति बांड एवं बंधपत्र को संस्था प्रधान द्वारा अपने पास सुरक्षा में रखे जाने चाहिए क्योंकि विद्यालयों एवं छोटे कार्यालयों में पदों की कमी होती है अतः केशियर एवं स्टोर कीपर का कार्य एक ही कर्मचारी से कराया जाना चाहिए।

संस्था प्रधान या कार्यालय अध्यक्ष के लिए ध्यान देने योग्य बिंदु :

  • सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम 81 के अनुसार राज्य के राशि के आहरण हेतु केशियर को कार्यालय से परिचय पत्र प्राप्त करना चाहिए।
  • कैश का कार्य स्थाई, कुशल एवं विश्वसनीय को ही दिया जाना चाहिए।
  • आहरण वितरण अधिकारी को माह में एक बार रोकड़ की आकस्मिक जांच कर लेनी चाहिए तथा प्रत्येक माह के अंत में रोकड़ पुस्तिका में अंकित राशि का भौतिक सत्यापन कर प्रमाणित करना चाहिए। (सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम भाग प्रथम नियम 51)
  • आहरण एवं वितरण अधिकारी को वर्ष में दो बार कार्यालय निरीक्षण कर कमियों को दूर करना चाहिए तथा लंबित कार्यों का समय-समय पर निस्तारण हेतु सीटों में बदलाव करना चाहिए।
  • प्राप्त पत्रों को स्वयं देखें, पालना हेतु निर्देश अंकित कराएं एवं पत्रों का प्रतिउत्तर भिजवाए।
  • आवश्यक एवं महत्वपूर्ण पत्रों ,कार्यों की गोपनीयता भंग नहीं होनी चाहिए।
  • राज्य के कार्य, व्यक्तिगत कार्य हेतु विद्यालय, कार्यालय छोड़ने से पूर्व मूवमेन्ट पंजिका में विवरण अंकित करना चाहिए।
  • स्वीकृत बजट का नियमों के अंतर्गत समुचित उपयोग करना एवं मासिक आय विवरण निर्धारित तिथि तक नियंत्रण अधिकारी को प्रेषित करना चाहिए।
  • समस्त कर्मचारियों को आवंटित कार्यों, प्रकरणों का यथा समय संपादन सुनिश्चित करना यह भी देखना चाहिए।
  • राजकीय व छात्र कोष की राशि के लेनदेन का जमा खर्च नियमित व समय पर पूर्ण करना।
  • केशियर के पास डबल लोक में कम से कम रोकड़ शेष रखना चाहिए तथा डबल लोक की एक चाबी कार्यालय अध्यक्ष स्वयं अपने पास रखें।
  • निर्धारित तिथि को भेजे जाने वाले रिटर्न्स समय पर भिजवाते हुए पूर्ण जानकारी अपने पास तैयार रखना।
  • चेक बुक, रसीद बुक, मनीआर्डर, बैंक ड्राफ्ट चालान आदि के निर्धारित रजिस्टर संधारित कराना, पे-पोस्टिंग रजिस्टर, एनकैशमेंट रजिस्टर, बजट कंट्रोल, चिकित्सा ,यात्रा व्यय बिलो की वरीयता रजिस्टर का संधारण सही समय पर कराना। वित्तीय अधिकारों की सीमा में कार्य करना।
  • प्रत्येक कैलेंडर वर्ष के आरंभ में कार्मिकों से अपने अपने आश्रित सदस्यों की घोषणा प्राप्त कर पत्रावली में रखना चाहिए।

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