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राज्य बीमा योजना जानकारी

प्रश्न #168 : State Insurance राज्य बीमा योजना जानकारी

जगदीश प्रसाद बरोड़ (प्राध्यापक)
राउमावि साहवा (चूरू)

परिचय : राज्य बीमा के नियम 1 अप्रेल-1998 से प्रभावी होंगे। राज्य बीमा की प्रथम कटौती कार्मिक के सेवा स्थायीकरण के उस वित्तीय वर्ष जिसमें वह नियुक्त हुआ है , के मार्च माह से की जाएगी। बीमा इस शर्त पर किया जाएगा कि बीमित कार्मिक क्षय, अस्थमा,कैंसर, मधुमेह, एड्स या सरकार द्वारा अधिसूचित किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित नहीं हो। (नियम-8) वेतन वृद्धि तथा आगे के 2 Slabs तक अतिरिक्त प्रीमियम कटौती कराने पर जोखिम बिना स्वास्थ्य परीक्षण के ही वहन की जाएंगी। नियम-11(4)

योजना से जुड़े प्रमुख बिंदु

➡️बीमित व्यक्ति की Policy परिपक्वता से पूर्व मृत्यु होती है तो बीमित के द्वारा नियमानुसार नामित व्यक्ति को बीमित राशि का दुगना भुगतान किया जाएगा। नियम-51

➡️अतिरिक्त बीमा नियम-

(1) विद्यमान वेतन Slabs में बदलाव होने या किसी कारण से वेतन वृद्धि की वजह से यदि प्रीमियम दरों में वृद्धि होती हैं तो वे वृद्धिशील वसूलियां उसी वित्तीय वर्ष के मार्च माह के वेतन से की जाएंगी,एवं इसके लिए अलग से घोषणा पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। नियम-11(i)(ii)

(2) बीमित कार्मिक स्वेच्छा से उस पर लागू प्रीमियम दर से अधिक आगे के 2 Slabs तक की प्रीमियम दरों का अभिदान कर सकता है जिसके लिए उसे नियम-8(3) में वर्णित रोगों से ग्रसित नहीं होने की घोषणा करते हुए नियम-11(2) के तहत अधि घोषणा पत्र Online प्रस्तुत करना होगा।

(3) 55 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद कोई भी कार्मिक अधिघोषणा का लाभ नहीं ले सकता। नियम-11(3)

(4) यदि किसी वजह से वेतन Slabs में कमी हो जाती है तो पूर्व में संदेय प्रीमियम दर को कम नहीं किया जा सकता। नियम-13

➡️ऋण आवेदन या दावे के निपटारे के लिए मूल Policy बीमा विभाग को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। नियम-49(i)

➡️विभाग के आदेश क्रमांक-(प 4(8)वित्त/राजस्व/05/पार्ट दिनाँक 13.12.2017 के अनुसार बीमा ऋण एवं दावों की राशि 1 जनवरी,2018 से SIPF कार्यालय के द्वारा जारी अधिकार पत्र(Authority Letter)के स्थान पर अब सीधे ही सम्बंधित कार्मिक/दावेदार के बैंक खाते में Online स्थानांतरित की जाएगी।

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➡️विभाग के आदेश क्रमांक-(प.108/कम्प/एसआईपीएफ पेमेंट/2017/1214-141 दिनाँक-15.12.2017 के अनुसार 1 जनवरी,2018 से बीमा ऋण एवं दावों के Online भुगतान की प्रक्रिया आरंभ की गई है।

➡️घोषणा पत्र एवं अधि घोषणा पत्र Online Submit होंगे : मार्च-2017 से जिन कार्मिकों की प्रथम/अधिक कटौती होनी है तो उन्हें sso.rajasthan.gov.in पर Login कर SIPF Portal के माध्यम से Online ही Submit करना होगा।

➡️निलम्बन अवधि के दौरान प्रीमियम की वसूली : यदि किसी बीमित व्यक्ति को निलंबित किया जाता है तो SI प्रीमियम की वसूली उसको देय निर्वाह भत्ते से की जाएगी यदि उक्त अवधि में प्रीमियम वसूल नहीं किया जाता है तो उस प्रीमियम राशि पर प्रीमियम देय होने की तिथि से जमा कराने की तिथि तक 7.5% की दर से ब्याज़ वसूल किया जाएगा। नियम-28

➡️SI में नामित व्यक्ति का निर्देशन : बीमित व्यक्ति नाम निर्देशन के लिए निर्धारित प्रारूप संख्या-2 में किसी एक/अधिक व्यक्तियों को कार्यालय अध्यक्ष को सूचित कर नियमानुसार नामित कर सकते हैं परन्तु शादी से पूर्व किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किया गया मनोनयन यदि रदद् नहीं किया गया है तो शादी के बाद स्वतः ही पति या पत्नी नाम हुआ माना जायेगा। नियम-31

➡️व्यक्ति जिन्हें नाम निर्देशीति नियुक्त किया जा सकता है : बीमित व्यक्ति अपने पति/पत्नी,संतान, भाई, बहन,माता-पिता को मनोनीत कर सकता है। यदि इनमे से कोई भी सम्बंधी जीवित हो, तो किसी अन्य व्यक्ति का नाम निर्देशन अकृत और शून्य माना जायेगा। नियम-32

➡️सेवानिवृत्ति के पश्चात आने वाले 31 मार्च तक बीमा Policy जारी रखने का विकल्प : नियमानुसार कार्मिक अपनी सेवानिवृत्ति तिथि के ठीक पूर्व में आने वाले 1 अप्रेल को अपनी राज्य बीमा Policy के दावे के भुगतान प्राप्त कर लेता है।राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम 1998 के नियम-39(2)(i) के प्रावधान के अनुसार अगर कार्मिक चाहे तो SI कटौती मूल परिपक्वता तिथि के 15 दिन पूर्व DDO के Through Application के तौर पर विकल्प भरकर सम्बंधित जिले के SIPF Office भेजकर सेवानिवृति के ठीक बाद में आने वाले मार्च तक अपनी SI Policy Continue रख सकते हैं, परन्तु बीमा नियम 18(2) के अनुसार इसका Due Premium सेवानिवृति तक के वेतन से Advance में कटाना होगा। और संचित असन्दत Premium बिना ब्याज के बीमा के दावे की रकम में से वसूलीय होगा। जो के सेवानिवृत्ति तिथि के ठीक बाद में आने वाले 1 अप्रेल को प्राप्त होगी। क्रमांक:एफ 19/बीमा/व्यय.एवंपं./2010-11/1068-1118/Dated:04.12.19

➡️Duplicate Policy Bond जारी करवाना : यदि बीमित व्यक्ति द्वारा मूल Policy Bond खो गया है या नष्ट/विकृत हो गया है तो उसके बदले निम्नानुसार अपनी sso id से Login कर Online Challan या फिर व्यक्तिगत रूप से निर्धारित शुल्क जमा करवाकर क्षतिपूर्ति बंध पत्र के साथ बीमा निदेशक को आवेदन कर Duplicate Policy जारी करवा सकता है- नियम-47 (i) मूल Policy खो जाने/नष्ट होने पर शुल्क-100/- होगा (ii) Policy विकृत/कटी-फटी हो जाने पर शुल्क-50/- होगा

SI नंबर आवंटन प्रक्रिया और Paymanager पर अपडेशन

प्रश्न #151 : 1 मैंने मार्च 2021 में  प्रथम राज्य बीमा घोषणा पत्र ( SI ) का आवेदन ऑनलाइन किया था वह अभी भी LDCSI पर पेंडिंग बोल रहा है। इसको एप्रूव्ड करवाने के लिए मुझे क्या करना होगा ?

श्री विष्णु कुमार शर्मा, व.अ. संस्कृत
राउमावि जलवाना मेड़ता सिटी नागौर

उत्तर – जिन साथियों का हाल ही में स्थायीकरण हुआ है और उनका मार्च 2021 से प्रथम राज्य बीमा घोषणा पत्र आवेदन ऑनलाइन किया हुआ है तो ऊन सब की मार्च के वेतन से प्रथम एसआई कटौती हो गई होगी। चुंकि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सब काम ऑनलाइन हो रहे हैं लेकिन कई एसआईपीएफ ऑफिस ऑफलाइन डाक्यूमेंट्स भी मांग रहे हैं। इसलिए आप निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स एसआईपीएफ ऑफिस में भेज कर SI आवेदन अप्रूव करवा कर अपने SI नंबर प्राप्त कर सकते हैं।

1- कार्मिक के द्वारा किया गया ऑनलाइन प्रथम राज्य बीमा घोषणा पत्र आवेदन पत्र ।

2- कार्मिक का GA-55

3- एसआई कटौती जो पेमैनेजर पर हुई है उसका SI शेड्यूल।

4- राज्य बीमा प्रथम कटौती पत्र GA79

प्रश्न -2  मेरा एसआईपीएफ जिला कार्यालय से राज्य बीमा प्रथम घोषणा पत्र एप्रूव्ड हो गया है। अब मैं मेरे SI Policy नंबर कहां से प्राप्त करूं ?

उत्तर : आप अपने SI policy नम्बर दो प्रकार से देख सकते है

प्रथम विधि:   

सबसे पहले निम्न साइट पर क्लिक करे।   https://sso.rajasthan.gov.in

  • अपनी पर्सनल SSO लॉगिन में ID, पासवर्ड ओर कैप्चा भर कर सबमिट करें, Login होकर SIPF पर क्लिक करे।
  • मुख्य साइट पर ही आपको प्रोफ़ाइल, NPS/GPF, GPA, SI Summary (छत्तरी का निशान) दिखाई देगा।
  • SI Summary (छत्तरी के निशान) पर क्लिक करें, क्लिक करते ही एक पेज ओपन होगा।
  • पेज पर सबसे ऊपर आपको SI policy के नम्बर दिखाई देंगे।
  • SI policy नम्बर के नीचे आपको SI कटौती स्लैब, बीमा क्लेम, बोनस  आदि के ऑप्शन दिखाई देंगे।
  • इस प्रकार आप अपने स्थायी SI policy नम्बर देख सकते है।                Contd…..

दूसरी विधि

  • SIPF की मेन साइट पर क्लिक करे।
  • मुख्य साइट पर ही आपको profile, NPS/GPF, GPA, SI Summary, my Tran. का ऑप्शन दिखाई देगा।
  • My Transactions पर क्लिक करे ।
  • क्लिक करते ही एक पेज ओपन होगा उसमे आपने आज तक जितने भी ऑनलाइन आवेदन किये है उसकी पूरी डिटेल दिखाई देगी।
  • इस डिटेल में आपका SI policy आवेदन भी दिखाई देगा।
  • SI policy आवेदन का Application Number ही आपने SI policy नम्बर है।

ध्यान रहे – यही SI policy नम्बर आपके स्थायी नम्बर है जो आपके पूरी सर्विस में यही रहेंगे।

प्रश्न 3 – मेरे स्थायी SI policy नम्बर मुझे प्राप्त हो गए अब मुझे इनको पेमेनेजर पर अपडेट करने की पूरी प्रोसेस बताइए ?

उत्तर-  पेमैनेजर पर स्थायी एसआई पॉलिसी नंबर अपडेट करने की वही प्रक्रिया रहेगी जो हमने अस्थाई नंबर अपडेट करने के दौरान अपनाई थी। स्थायी SI policy नम्बर अपडेट करने के लिए निम्न प्रोसेस फॉलो करे.

  • निम्न लिंक से DDO SSO लॉगिन ओपन करे – https://sso.rajasthan.gov.in
  • DDOID पासवर्ड ओर कैप्चा भरे, मेन साइट ओपन होगी, SIPF पर क्लिक करे।
  • ऊपर से DDO रोल सलेक्ट करे, ट्रांजेक्शन पर क्लिक करे
  • एम्प्लॉय पर क्लिक करे, एम्प्लॉय-ID या नाम से कार्मिक सर्च करे, नीचे Scheme सलेक्ट करे।
  • NPS/GPF में अपने प्राण नम्बर भरे, SI Policy में अपने स्थायी नम्बर भरे।
  • दोनों की डिस्ट्रिक्ट ओर डेट सही भरे, सबमिट करें।
  • अब अपने पर्सनल पेमेनेजर इस लिंक से ओपन करे – paymanager2.raj.nic.in
  • अपने पर्सनलID पासवर्ड, कैप्चा भरे, मेन साइट ओपन होगी, एम्प्लॉय कॉर्नर पर क्लिक करे।
  • Master Data Request पर क्लिक करे, Update Number Details request क्लिक करे।
  • यहां आपके SI नम्बर शॉ हो रहे होंगे, नीचे Edit पर क्लिक करे, OTP भरे.
  • SI आवेदन की पीडीएफ अपलोड करें, रिक्वेस्ट जनरेट कर DDO को फॉरवर्ड करे.
  • DDO से HOD को फॉरवर्ड करे, HOD से एप्रूव्ड होते ही आपके स्थायी नम्बर अपडेट होंगे।

Note – कुछ कार्मिको के SI स्थायी नम्बर जारी होते ही पर्सनल पेमेनेजर पर शॉ हो रहे हैं। ऐसे कार्मिको को DDO SSO लॉगिन पर अपडेट करने की आवश्यकता नही है।

Gpf and SI Deduction analysis

“रोजाना एक प्रश्न” क्रमांक 91
By एडमिन श्री अरविन्द खण्डेलवाल
Gpf and SI Deduction analysis

प्रश्न:- मैं बहुत ही असमंजस में हूँ कि SI या GPF मे से कटौती किसमे बढ़ाया जाना उचित रहेगा ? कृपया मुझे उचित सलाह देवे।

उत्तर:- बहुत ही व्यावहारिक और जरुरी जानकारी चाही है। आज के इस भाग दौड़ और आपा-धापी के भौतिक युग में कुछ साथी परिवार और भविष्य के प्रति अपने दायित्वों का ध्यान नहीं रख पाते है जो सामान्यतः उचित नहीं है। आपका प्रश्न 2 टॉपिक प्रस्तुत करता है।👇

  1. आर्थिक सुरक्षा की गारंटी (राज्य बीमा)
  2. विनियोग (जीपीएफ)

अरविन्द खण्डेलवाल की अन्य पोस्ट

Gpf and SI Deduction analysis
अब इसको विस्तृत में जानते है 👇

  1. राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा योजना 1-1-1954 से राज्य कर्मचारियों को/उसके परिवार को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के सरकारी कर्मचारियों हेतु लागू की गई थी. इस योजना का मूल उद्देश्य कार्मिक के असामयिक निधन होने पर परिवार को आर्थिक संबलन प्रदान करना है. इसके अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सेवाकाल में ऋण के रूप में सहायता भी ली जा सकती है. और सेवानिवृत्त होने पर राज्य बीमा पालिसी की परिपक्वता होने पर एक अच्छी खासी रकम मिल जाती है।
  2. राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच बचत की आदत विकसित करने और कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद जब उसके पास कोई नियमित आय नहीं होगी इस संचय का उपयोग करने के उद्देश्य से भविष्य निधि योजना शुरू की गई थी। 1 मई 1980 से यह योजना सभी सरकारी कर्मचारियों और जिला परिषद और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दी गई थी। हालाँकि बाद में इस योजना को उन कर्मचारियों पर लागू किया जाना बंद हो गया है जो 1 जन 2004 या उसके बाद नियुक्त किए जाते हैं। इस योजना में कार्मिक के वेतन वर्गानुसार एक निश्चित दर से कटोती की जाती है. और कार्मिक स्वेच्छा से GPF में अधिक राशी जमा का विकल्प भी दे सकता है।

▪️अब मूल प्रश्न यह है कि GPF या SI में से किसमे अधिक कटौती करवाई जावे ?

  1. राज्य बीमा में निर्धारित Slab से 2-Step आगे कटौती जरुर करनी चाहिए ताकि बीमाधन अधिक हो। एक तो इसमें अन्य बीमा योजना के मुकाबले बोनस की दर अधिक होने से यह योजना अधिक फायदेमंद है। साथ ही वेतन से कटोती होने से किश्त की चूक नहीं होती। आमतौर पर अन्य बीमा कंपनियों से बीमा होने पर बड़ी संख्या में किश्त नियमित जमा नहीं होने से Policy लैप्स हो जाती है और आर्थिक घाटा होता है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर ऋण की राशि भी तुलनात्मक रूप से अधिक होती है और आसानी से मिल जाती है। Maturity पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है।
    • यहाँ एक बात और विचारणीय है चूँकि कार्मिक के असामयिक निधन की स्थिति में सभी परिलाभ के बाद भी रिक्तता की स्थिति रहती है इसलिए अपने परिवार को वास्तविक पर्याप्त आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु परिवार के कमाऊ सदस्य को Term Plan Insurance अवश्य लेना चाहिए जो की बाज़ार में अनेक बीमा कंपनियों के उपलब्ध है। मामूली किश्त पर एक बड़ा आर्थिक संरक्षण आप परिवार को प्रदान कर सकते है। जीवन बीमा की वास्तविक अवधारणा यही है।
  1. GPF योजना में भी निर्धारित दर से कटोती की जाती है, आज की स्थिति में बाज़ार में उपलब्ध Bank, Post Office और अन्य निजी योजनाओं के मुकाबले GPF की प्रतिफल दर उच्च है तथा पूरी तरह सुरक्षित है. अतः राज्य बीमा की अधिक कटोती और अन्य निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यदि विनियोग की गुंजाईश है तो निश्चित रूप से GPF में अधिक कटोती कराना सबसे सहज, लाभदायक और सुरक्षित विकल्प है.

मार्च 20 की SI की कटौती तो paymanager पर सिस्टम से मई के बिल प्रोसेस करने पर अपने आप SI एरियर में शो हो रही है लेकिन SI ऋण की कटौती डबल नही हो रही है उसको केसे अपडेट करे ?

प्रश्न 05 : मार्च 20 की SI की कटौती तो paymanager पर सिस्टम से मई के बिल प्रोसेस करने पर अपने आप SI एरियर में शो हो रही है लेकिन SI ऋण की कटौती डबल नही हो रही है उसको केसे अपडेट करे ?

उत्तर : 15/05/20 के बीमा विभाग के आदेश अनुसार मार्च 20 की बकाया SI प्रमियम की राशि मई 20 के बिल से कटौती की जानी है अतः PM सिस्टम को अपडेट उस के अनुरूप अपडेट कर दिया गया है।
मई 20 का बिल प्रोसेस करने के बाद बकाया SIP की राशि ऑटो SI एरियर के रूप में आउटर,इनर,एंड शेड्यूल में प्रदर्शित हो जायेगी।
यदि कोई कार्मिक अपने राज्य बीमा लोन की क़िस्त जो माह मार्च की बकाया है उसे मई में कटवाना चाहे तो उसकी सहमति से employee pay डिटेल्स में लोन की राशि बिल प्रोसेस करने से पहले डबल कर देवे उसके बाद बिल बनावे।

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