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SDMC Formation and Operation

Information regarding School fund uses in rajasthan

श्री लीलाराम प्रधानाचार्य राउमावि
मुबारिकपुर (रामगढ) अलवर
SDMC Formation and Operation

शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के गठन एवं संचालन सम्बन्धी समस्त जानकारी

रोजाना एक प्रश्न #336

  • शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में (श्रीमान निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान ,बीकानेर के परिपत्र दिनांक 6 जुलाई 2016 के संदर्भ में) समस्त राजकीय माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति तथा कक्षा 1 से 8 तक के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति के गठन के आदेश दिनांक 21.1.2015 के द्वारा जारी किए गए हैं।
  • माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास संबंधी कार्य एसडीएमसी के द्वारा किए जाएंगे। इसके साथ ही समग्र शिक्षा अभियान से प्राप्त अनुदान, विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन अथवा लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जाएगा।
  • विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा_ 1/ 2016, जयपुर दिनांक 1. 7.2016 के क्रम में आंशिक संशोधन उपरांत एतद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

एसडीएमसी गठन हेतु सामान्य निर्देश :

वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार एसडीएमसी में कार्य कारिणी समिति में कुल 23 सदस्य शामिल होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक समिति का अध्यक्ष होगा तथा प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)/ वरिष्ठतम व्याख्याता उच्च माध्यमिक विद्यालय में ) वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक माध्यमिक विद्यालय में सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।

  • 1.विद्यालय द्वारा अनावर्ती मद (non-recurring )में खरीद करने पर सी बी ई ई ओ /SMSA कार्यालय के लेखाकार /कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाए।
  • 2. एसडीएमसी के निर्धारित सदस्यों में कम से कम 1 सदस्य ऐसा हो जो एसएमसी में भी सदस्य हो एवं कुल एसडीएमसी सदस्यों में से कम से कम 50% महिला सदस्य हो।
  • 3.एसडीएमसी की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा तत्पश्चात नवीन कार्यकारिणी हेतु निर्वाचन होगा।
  • 4.सत्रारंभ में एसडीएमसी के गठन के लिए साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जानी चाहिए उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाए जहां सर्वसम्मति न हो वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जाए।
  • 5 .प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिए सभा अध्यक्ष प्रस्तावित किया जावे जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
  • 6.एसडीएमसी गठन के बाद एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम ,पता ,दूरभाष अथवा मोबाइल नंबर सर्वसाधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।

एसडीएमसी के कार्य एवं दायित्व

विद्यालय विकास

  • विद्यालय की विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
  • समग्र शिक्षा अभियान के निम्नांकित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना।
  • विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या प्राप्त करना।
  • माध्यमिक स्तर की ड्रॉपआउट दर 2.5% से नीचे लाना।
  • विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थियों में विद्यालय के शैक्षिक एवं सह शैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ संबंध स्थापित हो सके।
  • प्रत्येक तीन माह में विद्यालय विकास की या विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवा कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।

वित्तीय प्रबंधन

  • एसडीएमसी के खाते में प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण किया जाना।
  • समिति अपने कोष का उपयोग आवृत्ति (recurring )/अनावर्ती (non recurring) मद में कर सकेगी।
  • समिति केंद्र अथवा राज्य सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी।
  • बैंक खाते से लेन-देन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे समिति की प्रत्येक बैठक में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा।
  • एसडीएमसी की सलाह से ही विद्यालय की वार्षिक सहायता, भामाशाह/जनसहयोग राशि , विद्यार्थी कोष तथा विकास शुल्क का उपयोग किया जाएगा।

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बैठकों का आयोजन

  • कार्यकारिणी समिति की मासिक बैठक विभाग के निर्देशानुसार प्रत्येक अमावस्या को रखी जाएगी जिसका कोरम न्यूनतम 50 % कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति से ही पूर्ण होगा।
  • अति आवश्यक होने पर विद्यालय हित में कभी भी एसडीएमसी बैठक का आयोजन किया जा सकेगा।
  • समिति की कार्यकारिणी की बैठक हेतु प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को 2 सप्ताह पूर्व लिखित में अथवा एस एम एस द्वारा सूचित किया जाएगा।
  • समिति की सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना प्रत्येक तीन माह में शाला दर्पण पर अपडेट की जाएगी।
  • एसडीएमसी की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निर्धारित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में संधारित किया जाएगा जैसे बैठक आयोजन की दिनांक ,सभा अध्यक्ष का नाम ,बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या ,बैठक में लिए गए प्रस्ताव विवरण या प्रस्तुतीकरण ,प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या , प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या …

उप समितियों का गठन एवं दायित्व

  • विद्यालय भवन उप समिति जो कि भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाने का, विद्यालय भवन का प्रबंधन एवं संचालन , मॉनिटरिंग पर्यवेक्षण, रिपोर्टस लेखों का संधारण ,लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि के लिए जिम्मेदार होगी जिसकी रिपोर्ट एसडीएमसी को नियमित रूप से की जाएगी। यह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियम अनुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी समिति में कुल 6 सदस्य होंगे।
  • प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक अध्यक्ष तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ व्याख्याता वह माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
  • साथ ही पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का एक प्रतिनिधि व एक अभिभावक प्रतिनिधि , निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी अथवा तकनीकी व्यक्ति (JEN SMSA ) यह भी सदस्य होंगे, इसके अलावा लेखा, ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि ( संस्था का लेखा कार्मिक ) होगा। इस प्रकार 6 सदस्यों की यह विद्यालय भवन उप समिति होगी।

शैक्षिक उप समिति

  • शैक्षिक गतिविधियों की कार्य योजना निर्माण तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन , मूल्यांकन , रिपोर्टस की समीक्षा, सुझावों का परीक्षण का कार्य करेगी तथा आगामी कार्य योजना में शैक्षिक मुद्दों से संबंधित विचारों को शामिल करने हेतु अनुशंसा करेगी।
  • शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु समय बद्ध कार्य योजना निर्माण और क्रियान्वयन, शैक्षिक समंको का विश्लेषण एवं निम्न उपलब्धि के क्षेत्रों में सम्बलन हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करने का कार्य इस शैक्षिक उप समिति के कार्य होगें।
  • शैक्षिक उप समिति में कुल 8 सदस्य होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक इस समिति का अध्यक्ष होगा तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम व्याख्याता व माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे इसके अलावा अभिभावक प्रतिनिधि तथा विज्ञान, गणित मानविकी ,कला ,संस्कृति, क्राफ्ट खेलकूद ,भाषा विशेषज्ञ व प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी इसके सदस्य होंगे।

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श्री लीलाराम प्रधानाचार्य राउमावि
मुबारिकपुर (रामगढ) अलवर
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रोजाना एक प्रश्न #298

विद्यालय में विद्यार्थी कोष / विकास कोष से किए जाने वाले कार्यों के संबंध में आवश्यक जानकारी :
Information regarding School fund uses in rajasthan

  • निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर द्वारा जारी परिपत्र(आदेश दिनांक 3 फरवरी 2016 के अनुसार) राशि का उपयोग विद्यार्थी कोष अथवा विकास कोष के समुचित उपयोग की दृष्टि से प्रत्येक विद्यालय स्तर पर गठित विद्यालय प्रबंधन समिति अथवा विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति उत्तरदायी होगी।
  • यह समिति विद्यार्थी कोष शुल्क अथवा विकास कोष शुल्क के उपयोग हेतु प्रतिवर्ष आवश्यकताओं के संदर्भ में प्राथमिकता तय करेगी जिससे विद्यालय का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा और यथासंभव संस्था प्रधान इस कोष से स्वयं के कार्यालय पर व्यय नहीं कर सकेंगे।
  • छात्र हित से संबंधित कार्यों को प्रथम प्राथमिकता प्रदान कर आदर्श वित्तीय मानको अथवा नियमों के अनुरूप पारदर्शी तरीके से राशि खर्च कर सकेंगे।
  • कार्य योजना के अनुरूप व्यय की जाने वाली राशि के प्रस्ताव को एसडीएमसी की कार्यकारिणी समिति से स्वीकृत किया जाना अनिवार्य होगा अपरिहार्य स्थिति में छात्र हित में उक्त समिति की स्वीकृति के बिना व्यय किए जाने पर कार्योत्तर स्वीकृति के पश्चात ही किया हुआ व्यय नियमित माना जाएगा।

विद्यार्थी कोष के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य :

  • 1.विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त संख्या में दरी पट्टी, डेस्क एवं टेबल कुर्सी की कक्षा स्तर अनुसार व्यवस्था करना।
  • 2.कक्षा कक्ष संचालन हेतु चौक ,डस्टर ,सहायक शिक्षण सामग्री व पोस्टर आदि की व्यवस्था करना।
  • 3.उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर बोर्ड , ग्रीन बोर्ड अथवा श्यामपट्ट की व्यवस्था करना।
  • 4.बच्चों के प्रवेश उत्सव पर नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत ,विद्यालय पहचान पत्र बनवाना व अच्छा कार्य करने वाले लोक सेवक अथवा एनजीओ का सम्मान करना।
  • 5.शाला परिसर एवं कक्षा कक्षा में रंग रोगन, वॉल पेंटिंग कक्षा 1 से 5 के लिए लहर कार्यक्रम की भांति, कक्षा 6 से 8 के लिए सामान्य ज्ञान एवं जानकारी एवं कक्षा 9 से 12 के लिए महापुरुषों के चित्र, विभागीय योजनाएं ,भामाशाह एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का विवरण, महापुरुषों के नाम, छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं का विवरण विद्यालयों में उपयुक्त स्थानों पर अंकित कराया जाना चाहिए।
  • 6.खेलकूद प्रवृत्तियों के लिए खेल सामग्री यथा फुटबॉल ,वॉलीबॉल ,बॉस्केटबॉल नेट आदि की व्यवस्था करना।
  • 7.खेलकूद प्रतियोगिताएं ,छात्र प्रवृतियां, सांस्कृतिक प्रवृतियां सामाजिक , मनोरंजन उत्सव ,समारोह ,शाला पत्रिका अतिथि सत्कार, निमंत्रण पत्र आदि की व्यवस्था करना।
  • 8.समान अथवा स्थानीय परीक्षा संचालन पर व्यय करना।
  • 9.शारदे बालिका छात्रावास की बालिकाओं हेतु शैक्षिक गतिविधियां।
  • 10.एस यू पी डब्ल्यू एवं कार्य अनुभव गतिविधियां ।
  • 11.पुस्तकालय, वाचनालय हेतु प्रत्येक विद्यालय में समाचार पत्र हिंदी अथवा अंग्रेजी ,पाक्षिक पत्र पत्रिकाएं ,छोटे बच्चों की पत्रिकाएं, महापुरुषों की जीवनी व अन्य पुस्तकों की व्यवस्था ,विद्यालय प्रार्थना सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए माइक ,हारमोनियम ,तबला , ढोलक,रंगोली निर्माण सामग्री आदि की व्यवस्था करना।
  • 12.विद्यार्थियों के प्रगति रिपोर्ट कार्ड की व्यवस्था
  • 13.कक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को प्रमाण पत्र व पुरुस्कार की व्यवस्था
  • 14.प्रत्येक परीक्षा समाप्ति के सात दिवस की अवधि में अभिभावकों के साथ संवाद ,पीटीए बैठक, फोटोग्राफी की व्यवस्था
  • 15.कक्षा 8 से 12 के प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों की ग्राम कस्बे के मुख्य मार्ग से रैली निकालना फोटोग्राफी
  • 16.कमरों में पंखे, वाटर कूलर ,वाटर प्यूरीफायर एवं ठंडे पानी हेतु फ्रीज की व्यवस्था ,विद्युत बिल/ पानी का बिल/ टेलीफोन बिल आदि का भुगतान
  • 17.विद्यार्थियों को स्वास्थ्य ,खेलकूद, शिक्षा उन्नयन ,शोध कार्य आदि को प्रोत्साहित किए जाने की दशा में कार्य करना
  • 18.विद्यालय सूचना पट्ट एवं साइन बोर्ड आकर्षक तरीके से बनवाने व ज्ञानार्थ प्रवेश _सेवार्थ प्रस्थान संबंधी पेंटिंग आदि का कार्य करना

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विद्यालय विकास कोष संबंधी कार्य

इन सब कार्यों का प्रस्ताव और अनुमोदन शाला विकास एवं प्रबंधन समिति की बैठक में लेना अनिवार्य है, संस्था प्रधान प्रत्येक माह के अंत में विद्यार्थी कोष में उपलब्ध राशि की समीक्षा के लिए उत्तरदायी होंगे

  • 1. विद्यालय परिसर( बाहर _अंदर) में पेड़ कटाई छंटाई, ट्री गार्ड आदि का कार्य। शौचालय आदि की साफ सफाई।
  • 2 .कक्षा कक्षों की माइनर रिपेयर यथा दरवाजे, खिड़की, बिजली फिटिंग, टूट_फूट, पानी लाईन, माईनर सिविल वर्क आदि
  • 3. बालिकाओं हेतु संचालित शारदे बालिका छात्रावासो का विकास।
  • 4.विद्यालय परिसर में मां सरस्वती की प्रतिमा( स्टेचू )का निर्माण।
  • 5.विद्यालय परिसर में पेयजल ,हैंडपंप आदि का निर्माण (जनसहयोग व विकास योजनाओं से)
  • 6. निर्माण कार्यों में खेलकूद मैदान, चारदीवारी, वॉलीबॉल, बॉस्केटबॉल, कोर्ट व ऑडिटोरियम आदि का निर्माण कराना।

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