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राजस्थान में चाइल्ड केयर लीव के नियम

प्रश्न #153 : चाइल्ड केयर लीव के बारे में जानकारी देवे।

विरेन्द्र कुमार यादव, व्या. भौतिक विज्ञान
गजानन्द मोदी उमावि नीमकाथाना (सीकर)

उत्तर:- राजस्थान सेवा नियम,1951 में नियम 103(3) जोड़कर राज्य सरकार की महिला कार्मिकों को संपूर्ण सेवाकाल में 730 दिन की CCL दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

चाइल्ड केयर लीव स्वीकृति के सम्बन्ध में प्रमुख शर्ते 

  • यह अवकाश महिला कार्मिकों को उनकी प्रथम दो जीवित विधिमान्य (सेरोगेसी से उत्पन्न के लिए नहीं) 18 वर्ष से कम आयु की संतानों के पालन या देखभाल की आवश्यकता यथा परीक्षा या बीमार होने के कारण स्वीकृत किया जा सकता है।
  • एकल पुरूष यथा अविवाहित/विदुर/तलाकशुदा पुरुष को भी ये अवकाश देय है। (वित्त विभाग के आदेश F.1(6)FD/Rules/2011 दिनांक 31-07-2020)
  • 40% या अधिक निःशक्त संतान के लिए भी स्वीकृत किया जा सकता है।
  • कार्यालय में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या के 20% से अधिक कार्मिकों को एक समय में CCL स्वीकृति नहीं की जा सकती है।

CCL के आवेदनों का संधारण तिथि वार एक रजिस्टर में कर विचार निम्न प्राथमिकता क्रम में किया जाना चाहिए :

  • आकस्मिक गंभीर कारण जैसे बच्चे की गंभीर बीमारी जिससे बच्चा अस्पताल में इंदौर भर्ती हो अथवा दुर्घटना के कारण विशेष देखभाल की आवश्यकता हो।
  • दिव्यांग संतान की माताओं को या गंभीर रोग से पीड़ित बच्चे की देखभाल हेतु।
  • संतान की सेकेंडरी/ सीनियर सेकेंडरी परीक्षा के समय देखभाल अथवा उच्च व्यवसायिक संस्थान में प्रवेश हेतु परीक्षा के कारण प्राप्त आवेदन
  • 3 वर्ष तक की आयु के बच्चे का पालन।

नोट:- स्वीकृति में विधवा /परित्यक्ता श्रेणी की महिला कार्मिकों को प्राथमिकता दी जावे।

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आवेदन पत्र के साथ निम्न दस्तावेज अवश्य प्राप्त करें :

(1) राशन कार्ड की प्रति

(2) जीवित संतानों की जन्म प्रमाण पत्रों की प्रति

(3) दिव्यांगता प्रमाण पत्र की प्रति मय निर्भरता प्रमाणपत्र।

(4) संतान की बीमारी से संबंधित दस्तावेज

(5) संतान की परीक्षा तिथि/ प्रवेश संबंधी आवश्यक प्रमाण पत्रों की प्रति।

चाइल्ड केयर लीव के सम्बन्ध में अन्य शर्ते एवं नियम :

  • CCL का दावा अधिकार पूर्वक नहीं किया जा सकता है।
  • महिला कार्मिक द्वारा पहले उपभोग किए जा चुके या किए जा रहे अवकाश को किसी भी परिस्थिति में CCL में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
  • CCL को अवकाश लेखे में नामे नहीं लिखा जाएगा ।इसे अधिसूचना में प्रकाशित निर्धारित प्रपत्र में संधारित कर सेवा पुस्तिका में चस्पा किया जाता है।
  • महिला कार्मिक को अपने बच्चे के पालन या परीक्षा एवं बीमारी के समय देखभाल हेतु एक समय में अधिकतम 120 दिवस कि CCL के आवेदन (PL के समान) स्वीकृत करने के लिए कार्यालयाध्यक्ष यानि DDO तथा 120 दिन से अधिक की स्वीकृति के लिए विभागाध्यक्ष सक्षम हैं।
  • एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 3 बार ही CCL स्वीकृत किया जा सकता है।
  • एक कैलेंडर वर्ष में शुरू होकर यदि अवकाश दूसरे कैलेंडर वर्ष में पूर्ण होता है तो उस spell को अवकाश शुरू होने वाले वर्ष में गिना जाता है।
  • सामान्यतः प्रोबेशन ट्रेनी कार्मिक को CCL स्वीकृत नहीं किया जावेगा, परन्तु विशेष परिस्थितियों में स्वीकृत किया जाता है तो प्रोबेशन अवधि उतने दिन आगे बढ जाती है, जितने दिन का CCL स्वीकृत होगा।
  • यह अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह माना जावेगा तथा तदनुसार ही स्वीकृत होगा।
  • CCL का उपभोग अन्य अवकाश की निरन्तरता मे किया जा सकता है।
  • CCL के पहले या बाद मे आने वाले रविवार व सार्वजनिक अवकाशो का उपभोग किया जा सकता है।
  • प्रथम 365 दिवस की CCL पूर्ण वेतन यानि 100% (अवकाश पर जाने से पूर्व के समान) तथा शेष 365 दिवस की CCL 80% वेतन पर देय होती है।
  • न्युनतम 5 दिन की अवधि के लिए ही CCL देय  है या 5 दिन से कम अवधि के लिए CCL देय नहीं है।

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