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Monthly Archives: December 2020

हितकारी निधि राशि कटौती सम्बन्धी सभी जानकारी

प्रश्न-1:- दिसम्बर माह में हितकारी निधि राशि वेतन से किस दर से कटौती की जानी है?

उत्तर- हितकारी निधि कटौती राशि राजपत्रित कार्मिको के लिए 500 रुपये और अराजपत्रित कार्मिको के लिए 250 रुपये वार्षिक निर्धारित है, जो वेतन बिल माह दिसम्बर (देय जनवरी) से करनी अनिवार्य है। यह कटौती प्रोबेशनर कार्मिक के वेतन से भी निर्धारित दरों के अनुसार अनिवार्यतः करनी है।

प्रश्न-2 :- पेमेनेजर/प्रिपेमेनेजर पर हितकारी निधि की कटौती करने की क्या प्रक्रिया है?

उत्तर – (i) इसके लिए सबसे पहले पेमेनेजर/प्रिपेमेनेजर लॉगिन कर MASTER > EMPLOYEE DETAILS > CORP DETAILS पर क्लिक करें। अब PAY NAME में HITKARI NIDHI लिखें एवं Corp A/C Number में 51020721611 लिखें और सबमिट कर दे। इस प्रकार कार्मिक के मास्टर में हितकारी कटौती Add हो जाएगी।

(ii) मास्टर में कार्मिक की हितकारी निधि अपडेट करने के बाद Bill processing > Salary preparation > Add Group Deduction या Employee Pay Detail > Add Deduction > HITKARI NIDHI में जाकर हितकारी निधि निर्धारित दर के अनुसार काटनी है।

प्रश्न -3 :- हितकारी निधि के शिड्यूल पर डिजिटल साइन नही हो रहें है? अब क्या करें ?

उत्तर – माह दिसम्बर 2020 के वेतन बिल प्रोसेस के बाद reports > Cooperative schedule में जाकर हितकारी निधि शिड्यूल का प्रिंट निकाल कर उसपर मैन्युअली हस्ताक्षर मय मोहर कर इसे other documents में अपलोड करना है।

प्रश्न -4 :- हितकारी निधि के शेड्यूल एवम ECS SLIP किस पते पर और कब भेजने है ?

उत्तर – माह दिसम्बर के वेतन विपत्र पारित होने एवं TV नम्बर जारी होने के पश्चात हितकारी कटौती शिड्यूल एवं ECS कॉपी डीडीओ हस्ताक्षर मय कार्यालय मोहर निम्नलिखित पते पर भेजें –

अध्यक्ष हितकारी निधि, माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान, बीकानेर
पिन कोड नम्बर – 334001

नोट :- हितकारी निधि वार्षिक कटौती है। अतः दिसम्बर माह के वेतन बिल पारित होने के पश्चात इसे कार्मिक पे डिटेल्स में से हटा देवें।

एनपीएस अंशदान हेतु कर छूट के संबंध में क्या प्रावधान है और यह कर छूट किन धाराओं के तहत मिलती है ?

प्रश्न- 1:- एनपीएस अंशदान हेतु कर छूट के संबंध में आयकर के क्या प्रावधान है और यह कर छूट किन धाराओं के तहत मिलती है ?

उत्तर – एनपीएस 01.01.2004 के बाद नियुक्त सभी कार्मिको की सकल आय में जोड़ा जाता है, जिस पर आयकर नियमों के तहत विभिन्न धाराओं में कर छूट का लाभ भी देय है। आज हम एनपीएस योगदान के बदले में मिलने वाली कर छूट के प्रावधानों के बारे में जानते है।

(i) 80CCD1 – कार्मिक द्वारा एनपीएस का योगदान (अधिकतम – वेतन+डीए का 10%)
नोट – उक्त कटौती धारा 80C के अधीन 1,50,000 की सीमा में ही की जा सकती है।

(ii) 80CCD2 – नियोक्ता द्वारा कार्मिक अंशदान के बराबर एनपीएस का अंशदान (अधिकतम – वेतन+डीए का 10%)
नोट – उक्त कटौती धारा 80C के अन्तर्गत 1,50,000 के अलावा अलग से की जाएगी।

(iii) 80CCD(1B) – इसमें 01.01.2004 के बाद नियुक्त कार्मिक एनपीएस अंशदान पर 50,000 की अतिरिक्त कर छूट प्राप्त कर सकते है। यह सुविधा बजट प्रावधान 2015-16 के तहत दी गई है।
नोट:- इसमें कार्मिक अपने एनपीएस की कटौती को दो भागों में विभाजित भी कर सकता है। उक्त सुविधा केवल एनपीएस के टियर-1 एकाउंट में निवेश पर ही प्राप्त की जा सकती है।

उदाहरण 1- एक कार्मिक की एनपीएस कटौती 65000 है व अन्य कटौतियां (LIC, PLI,SI, PPF, TUTION FEES, NSC) 120000 है। कार्मिक को कर छूट किस प्रकार मिलेगी।

धारा 80C में – 120000

धारा 80CCD1 – 30000 या 15000

कुल योग 80C – 1,50,000 या 1,35,000

80CCD(1B) – 35000 या 50000
कुल कर छूट योग्य कटौती – 185000/-

उदाहरण 2- एक कार्मिक की एनपीएस कटौती 75000 है व अन्य कटौतियां (LIC, PLI,SI, PPF, TUTION FEES, NSC) 130000 है। कार्मिक को कर छूट किस प्रकार मिलेगी।
धारा 80C में – 130000

धारा 80CCD1 – 20000 या 25000

कुल योग धारा 80C – 1,50,000

80CCD(1B) – 50000
कुल कर छूट योग्य कटौती – 2,00,000/-

नोट:- धारा 80CCD1 एवं 80CCD(1B) का योग धारा 80CCD2 के बराबर (नियोक्ता के अंशदान) के बराबर होना चाहिये

पे-मैनेजर में प्रान नम्बर कैसे अपडेट करें Paymanager mein number kaise update kare

मेरे द्वारा HOD से एसआई नम्बर अपडेट कराने पर PRAN नम्बर हट गए। अब प्राण नम्बर कैसे अपडेट करें? प्रक्रिया बताने का कष्ट करें यानि Paymanager mein PRAN number kaise update kare.

Paymanager mein PRAN number kaise update kare

उत्तर :- सबसे पहले मोजिला ब्राउज़र में DDO की SSO ID ओपन करें और Employee में संबंधित कार्मिक को सर्च करें।

अब कार्मिक की स्कीम डिटेल में जायें। स्कीम में एनपीएस/जीपीअफ नंबर का काॅलम बंद होगा। आपको एनपीएस स्टार्ट होने की तिथि एवं फाइल लोकेशन में अपना जिला भरकर सबमिट करना है।

सबमिट सक्सेजफुली होने के बाद आप स्वत: कांटेक्ट डिटेल पर पहुंच जायेंगेे। आप वापस स्कीम पर आए और एनपीएस/जीपीएफ नंबर भरे एवं सबमिट करें।

इसे सबमिट करने के बाद सर्विस डिटेल भरने का मैसेज आयेगा। डिटेल भरकर स्कीम को एकबार फिर जांच लें, एनपीएस नंबर लिखा हुआ है कि नहीं।

अब आप कार्मिक के पर्सनल पे-मैनेजर पर जांच करें। यदि प्राण नम्बर शो हो रहे है तो रिक्वेस्ट जनरेट कर डीडीओ को भेंजे। डीडीओ लॉगिन से एचओडी को फारवर्ड करवाए। Paymanager mein PRAN number kaise update kare.

नोट :- यदि उक्त प्रक्रिया के बाद भी पर्सनल पेमेनेजर पर प्राण नम्बर शो नही हो रहे है तो SIPF कार्यालय से सम्पर्क कर SSO में अपडेट करवाए।

परिवीक्षा काल मे एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने से प्रभाव

एक कार्मिक ने छात्रावास अधीक्षक (L-5) के पद पर 05.12.2017 को कार्यग्रहण किया। उसे परिवीक्षा काल मे 17 सीसी नोटिस मिल जाने के कारण आदिनांक तक स्थायीकरण/नियमितीकरण नही हुआ। अब 17 सीसीए कार्यवाही एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के साथ प्रकरण समाप्त कर दिया गया है। उक्त कार्यवाही से परिवीक्षाकाल/स्थायीकरण एवं वेतन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर – परिवीक्षाकाल में 17 सीसीए के नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही होने से परिवीक्षाकाल एवं वेतन नियमितीकरण पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। आपका स्थायीकरण दो वर्ष पश्चात दिनांक 05.12.2019 को ही L-5 के प्रथम सेल में 20800 पर किया जाएगा। आगामी वेतनवृद्धि तिथि 01.07.2020 रहेगी।
चूंकि सीसीए नियम 17 की कार्यवाही के तहत आपकी एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। अतः 01.07.2020 से देय वेतनवृद्धि ₹ 21400 का नकद लाभ आपको देय नही होगा केवल नोशनल लाभ ही देय होगा अर्थात 01.07.2020 से 30.06.2021 तक आपको मूल वेतन 20800 के अनुसार ही वेतन भुगतान किया जाएगा।

आगामी वेतनवृद्धि जो 01.07.2021 से मिलेगी उसका नकद लाभ आपको मूल वेतन 22000 के हिसाब से देय होगा।

नोट -असंचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोकने पर वेतनवृद्धि नियमित की तरह ही स्वीकृत होती है परन्तु उसका आर्थिक लाभ उस वर्ष में नही मिलता है। इसमे कार्मिक को एक साल का आर्थिक नुकसान होता है।

संचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोकने पर उस वर्ष की वेतनवृद्धि नही लगती है जिसका आजीवन आर्थिक नुकसान होता है।

जितने वर्ष के लिए संचयी या असंचयी प्रभाव से वेतनवृद्धि रोकी जाती है, एसीपी एवं पदोन्नति भी देय दिनांक के उतने वर्ष बाद ही मिलती है।

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