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बिपरजॉय क्या है?
अरब सागर में इस साल उठा पहला चक्रवात ‘बिपरजॉय’ कुछ दिनों में अरब सागर में रहने के बाद यह चक्रवाती तूफान छह जून की देर रात तेज हो गया, बाद में इसे साइक्लोन ‘बिपरजॉय’ नाम दिया गया। Cyclone Biparjoy in India
‘बिपरजॉय’ एक बांग्ला भाषा का शब्द है इसका अर्थ होता है ‘आपदा’। सभी देशों की आपसी व्यवस्था के अनुसार इस खतरनाक होते तूफान को बिपरजॉय नाम बांग्लादेश द्वारा ही दिया गया है।
बिपरजॉय को लेकर चेतावनी क्या है?
Cyclone Biparjoy in India
चक्रवात बिपरजॉय अरब सागर में केंद्रित है, यह पोरबंदर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 450 किमी की दूरी पर है। इसके उत्तर में बढ़ने का पूर्वानुमान है। यह 15 जून की दोपहर तक कच्छ के तट को पार करेगा, जिसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। Cyclone Biparjoy in India
15 जून को सबसे अधिक खतरा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 15 जून को सबसे अधिक खतरा है और सब लोगों को घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर रहने की चेतावनी जारी की गई है। चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं जिसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में व्यवधान आ सकता है साथ ही इसके प्रभाव क्षेत्र में खड़ी फसलों का भी भारी नुकसान होगा।
बिपरजॉय हेतु सरकार ने क्या तैयारी की है?
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से निपटने के लिए केंद्र सरकार और गुजरात सरकार के विभिन्न विभागों की तैयारियों की समीक्षा अनवरत जारी है। गृह मंत्रालय ने चक्रवात से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
बिपरजॉय से बचाव के लिए गुजरात सरकार की तैयारी
गुजरात सरकार की तैयारी, बचाव और बहाली के प्रयासों में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल की पर्याप्त संख्या में टीमों और उपकरणों को तैनात किया जा रहा है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद गुजरात के कई जिलों को अलर्ट पर रखा गया है वे कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका हैं। इन जिलों में 13-15 जून के दौरान भारी बारिश और बहुत तेज हवा की गति वाले चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है, जो 150 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है।
लोग शेल्टर की शरण में पहुंचे
चक्रवात के बढ़ते खतरे को देखते हुए 1500 से अधिक लोग शेल्टर की शरण में पहुंच गए हैं। वहीं मछुआरों को 15 जून तक तट पर जाने को लेकर सतर्क कर दिया है। अरब सागर में इस साल उठा पहला चक्रवात ‘बिपरजॉय’ कुछ दिनों में अरब सागर में रहने के बाद यह चक्रवाती तूफान छह जून की देर रात तेज हो गया, बाद में इसे साइक्लोन ‘बिपरजॉय’ नाम दिया गया। Cyclone Biparjoy in India
चक्रवात से जुड़ी अन्य जानकारी
Cyclone Biparjoy in India
- पूर्व एशिया में चक्रवात को क्या कहते हैं?
- अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत महासागर में इसे ‘हरिकेन’ (Hurricanes), दक्षिण पूर्व एशिया में इसे ‘टाइफून’ (Typhoons) और ऑस्ट्रेलिया के आसपास हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर में इसे ‘चक्रवात’ (Cyclone) ही बुलाया जाता है.
- चक्रवातों के छह मुख्य प्रकार हैं: ध्रुवीय चक्रवात, ध्रुवीय कम, अत्तिरिक्त उष्ण कटिबंधीय चक्रवात, अंत:उष्ण कटिबंधीय चक्रवात, उष्णकटिबंधीय चक्रवात और मेसोसाईंक्लोनेस.
- ध्रुवीय चक्रवात
- ध्रुवीय कम
- आतिरिक्त ऊष्ण कटिबंधीय चक्रवात
- अन्त: ऊष्ण कटिबंधीय
- उष्णकटिबंधीय
- मेसोस्कैल
- चक्रवात आने का क्या कारण है?
- साइक्लोन एक ऐसी संरचना है जो गर्म हवा के चारों ओर कम वायुमंडलीय दाब के साथ उत्पन्न होती है। जब एक तरफ से गर्म हवाओं तथा दूसरी तरफ से ठंडी हवा का मिलाप होता है तो वह एक गोलाकार आंधी का आकार लेने लगती है इसे ही चक्रवात कहते हैं।
- अमेरिका में चक्रवात को क्या कहते हैं?
- एक बार जब एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात 74 मील प्रति घंटे या उससे अधिक की अधिकतम निरंतर हवाओं तक पहुँच जाता है, तो इसे तूफान, आंधी, या उष्णकटिबंधीय चक्रवात के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दुनिया में तूफान कहाँ से उत्पन्न होता है। उत्तरी अटलांटिक, मध्य उत्तरी प्रशांत और पूर्वी उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में तूफान शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- चक्रवात कितने प्रकार के होते हैं?
- चक्रवात दो प्रकार के होते हैं: उष्णकटिबंधीय चक्रवात; और। अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात (जिन्हें समशीतोष्ण चक्रवात या मध्य अक्षांश चक्रवात या फ्रंटल साइक्लोन या वेव साइक्लोन भी कहा जाता है)।
- भारत में सर्वाधिक चक्रवात कहाँ निर्मित होते हैं?
- बंगाल की खाड़ी – उष्णकटिबंधीय चक्रवात मुख्य रूप से मई के महीने में आते हैं। अधिकांश चक्रवात बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होते हैं और शेष अरब सागर से उत्पन्न होते हैं।
- चीन में चक्रवात को क्या कहते हैं?
- सही जवाब टायफून है। चीन सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को टायफून कहा जाता है।
- सबसे शक्तिशाली चक्रवात कौन सा है?
- ‘मोका’ – ‘मोका’ के दौरान यदि हवा की रफ्तार को देखें तो वो 150 समुद्री मील या 277 किलोमीटर प्रति घंटे रिकॉर्ड की गई, जो उसे चक्रवाती तूफान फानी के साथ प्री-मॉनसून सीजन के दौरान उत्तर हिंद महासागर में आया सबसे शक्तिशाली चक्रवात बनाती है। सिंह ने बताया कि ‘मोका’ की रफ्तार और तीव्रता फानी के बराबर थी।
- भारत का कौन सा राज्य चक्रवात से प्रभावित रहता है?
- चार राज्य – आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल और एक केंद्र शासित प्रदेश – पूर्वी तट पर पांडिचेरी चक्रवात आपदाओं के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं।
- चक्रवात के लिए कौन जिम्मेदार है?
- चक्रवात के निर्माण के लिए छह कारक जिम्मेदार हैं: (1) समुद्र की सतह पर पर्याप्त गर्म तापमान (2) वायुमंडलीय अस्थिरता (3) कोरिओलिस बल का प्रभाव क्षेत्र ताकि कम दबाव विकसित किया जा सके (4) निचले से उच्च आर्द्रता में क्षोभमंडल के मध्य स्तर (5) पहले से मौजूद निम्न-स्तर का फोकस या अशांति (6) निम्न ऊर्ध्वाधर पवन अपरूपण।
- चक्रवात आने पर हमें क्या करना चाहिए?
- चक्रवाती तूफान के लिए क्या करें और क्या न करें
- तूफान के दौरान घर से बाहर न निकले जब तक ऐसा करने के लिए कहा जाता हो l यदि सरकार की ओर से ऐसा करने की सलाह दी जाती है तो नजदीकी आश्रय स्थल या कोई सुरक्षित स्थान में शरण लें l
- यदि आपके पास वाहन है और आप घर से बाहर निकलना चाहते हो तो आरंभिक चेतावनी के समय ही घर से निकल जाएं l.
- चक्रवाती तूफान के लिए क्या करें और क्या न करें
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